राग परिचय
थाट या रागांग: तोड़ी
(सभी विकृत स्वरों के नीचे ( _ ) का चिह्न है , अभ्यासी तीव्र माध्यम को भी इसी तरह से ले.
जाति : औडव -सम्पूर्ण
स्वर : गांधार कोमल तथा माध्यम तीव्र
आरोह : नि सा ग म प नि सां .
अवरोह : सां नि ध प म प ग,रे सा .
पकड़ : ग म प धा म प ग रे सा
वादी -संवादी : पंचम व षड्ज
चलन : नि. सा गा म प ग रे सा , ग म प , म प ग रे सा , ग म प ध म प ग रे सा, ग म प नि ध प , प नि सां, नि सां गं रें सां नि ध प , ग म प नि सां, रें सां नि ध प म प मग रे सा , नि सा ग म प .
राग प्रकृति: कोमल है.
रस: करुण
गायन समय : दिन का तीसरा प्रहर
राग का थाट निर्धारण विवादास्पद है , चलन के अनुसार तोड़ी थाट एवं रागांग में रखा गया है.
इसका चलन मुल्तानी , मारुविहाग, भीमपलासी के सदृश होता है.
राग मधुवंती, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया,mp3
थाट या रागांग: तोड़ी
(सभी विकृत स्वरों के नीचे ( _ ) का चिह्न है , अभ्यासी तीव्र माध्यम को भी इसी तरह से ले.
जाति : औडव -सम्पूर्ण
स्वर : गांधार कोमल तथा माध्यम तीव्र
आरोह : नि सा ग म प नि सां .
अवरोह : सां नि ध प म प ग,रे सा .
पकड़ : ग म प धा म प ग रे सा
वादी -संवादी : पंचम व षड्ज
चलन : नि. सा गा म प ग रे सा , ग म प , म प ग रे सा , ग म प ध म प ग रे सा, ग म प नि ध प , प नि सां, नि सां गं रें सां नि ध प , ग म प नि सां, रें सां नि ध प म प मग रे सा , नि सा ग म प .
राग प्रकृति: कोमल है.
रस: करुण
गायन समय : दिन का तीसरा प्रहर
राग का थाट निर्धारण विवादास्पद है , चलन के अनुसार तोड़ी थाट एवं रागांग में रखा गया है.
इसका चलन मुल्तानी , मारुविहाग, भीमपलासी के सदृश होता है.
राग मधुवंती, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया,mp3