शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

राग मधुवंती

राग परिचय 
थाट  या रागांग: तोड़ी
(सभी विकृत स्वरों के नीचे ( _ ) का चिह्न है , अभ्यासी तीव्र माध्यम को भी इसी तरह से ले.
जाति : औडव -सम्पूर्ण
स्वर : गांधार कोमल  तथा माध्यम तीव्र
आरोह : नि सा ग प नि सां .
अवरोह : सां नि ध प ,रे सा .
पकड़ : प धा रे सा
वादी -संवादी : पंचम  व षड्ज

चलन : नि. सा गा प ग रे सा , म प , रे सा , ग म प ध रे सा, प नि ध प , प नि सां, नि सां गं रें सां नि ध प , प नि सां, रें सां नि ध प मग रे सा , नि सा ग म प .
 राग  प्रकृति: कोमल है.
 रस: करुण
गायन समय : दिन का तीसरा प्रहर
राग का थाट निर्धारण विवादास्पद है , चलन के अनुसार तोड़ी थाट एवं रागांग में  रखा गया है.
इसका चलन मुल्तानी , मारुविहाग, भीमपलासी के सदृश होता है.
राग मधुवंती, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया,mp3